प्रथम विश्व युद्ध ? First World War ?
प्रथम विश्व युद्ध जिसकी शुरूआत 28 जुलाई 1914 को हुई थी। और यह 11 नवम्बर 1918 मे जाकर समाप्त हुआ था। इसे ग्रेट वार और ग्लोबल वार भी के नाम से भी जाना जाता है।
ये उस वक्त का दुनिया के इतिहास में सबसे भयानक यद्ध था और किसी को यह अंदेशा भी नही था। कि इसके बाद कोई ऐसा युद्ध दोबारा भी हो सकता है, इसलिये इसे द ग्रेट वार के नाम से भी जाना जाता है। इस युद्व मे दो गुप बन गये थे
पहला था एलाइड पावर और दुसरा था सैन्ट्रल पावर !
एलाइड पावर मे फ्रांस, रूस, ब्रिटेन, इटली, अमेरिका और अन्य देश शामिल थे। अमेरिका इस युद्व मे 1917 मे शामिल हुआ था। और जापान भी बाद मे जाकर इस युद्व मे शामिल हो गया था।
और सैन्ट्रल पावर मे जर्मनी, आॅस्ट्रिया जिसके साथ हंगरी भी था और ओट्टोमनी जो कि अब तुर्की मे स्थित है। और बल्गारिया और अन्य सब देश और इस युद्ध मे दुनिया के कुल 37 देशो ने भाग ले लिया था। और ये बहुत ही भयानक युद्ध था। इस युद्ध में लगभग 9,911,000 से भी अधिक लोग मरे गए थ,े और 21,219,500़ से भी अधिक लोग घायल हुए थे और ये दुनिया का बहुत ही खतरनाक युद्ध था। इस युद्ध को शुरुआत आखिर होती क्यो है, इसके कई कारण वैसे बताए जाते है 1914 में जो ये युद्ध शुरू हुआ था उसका जो ये सबसे प्रमुख कारण था वो था आॅस्ट्रिया के एक प्रिंस थे जो कि भविष्य में वंहा के राजा बनने वाले थे! वारिस थे जिनका नाम था। आर्चडयूक फ्रांज़ फ़र्डिनेंड वो अपनी पत्नी के साथ बोस्निया में घूमने गए थे जो की सर्बिया का इलाका था यह समय जून का था 1914 में इन पर यही गैवरिलो प्रिंसिपल नामक व्यक्ति ने हमला कर दिया और इनकी हत्या कर दी गई। इनकी हत्या में एक ब्लैक हेंड नामक संस्था का भी हाथ था और बस इसी के बाद 28 जुलाई 1914 को आॅस्ट्रिया ने सर्बिया पर हमला कर दिया। उसके बाद सर्बिया ने रूस से मदद मांगी रूस ने फिर सर्बिया के समर्थन में आॅस्ट्रिया पर हमला कर दिया अब इसको देखते हुए जर्मनी ने रूस पर हमला के दिया आॅस्ट्रिया के समर्थन में इसी तरह पूरी दुनिया एक दूसरे के समर्थन मे हमला करने लगे और जो ओट्टोमनी है, इसने भी रूस के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया और सर्बिया पर हमला करना शुरू कर दिया। आॅट्टोमनी आज के समय मे तुर्कि बन चुका है। और इसी ने आॅस्ट्रिया के समर्थन मे रूस के खिलाफ जंग छेड दी। और युद्ध की शुरूआत हो चुकी थी। धीरे-धीरे फ्रांस ने भी जर्मनी के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया उधर ग्रेट ब्रिटेन भी जर्मनी के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया। और इस युद्ध मे भारत भी शामिल था क्योकि उस वक्त ब्रिटिस उमद थी भारत में ( जो भारत की सैना थी वो ब्रिटेन के सर्मथन मे लड रही थी) भारत के जो नेता थे वो भी चहाते थे भारत की जो सैना है वो ब्रिटेन के सर्मथन में लडे। क्योकि उनका ये मान ना था कि अगर ऐसा होता है तो ब्रिटेन हमे खुश होकर आजाद कर देगा लेकिन ऐसा हुआ नही था यह बात तो आप सभी जानते हो अभी जो सारे देश आपस मे लड रहे थे इनकी बहुत पुरानी दुश्मनी थी इसी पुरानी दुश्मनी की वजह से ( जैसे दुश्मन का दुश्मन दोस्त ) बस इसी तरह से पुरा युद्ध लडा ही गया था।
यह युद्ध लगभग 4 वर्ष लडा गया था इसमे 37 देशो ने भाग लिया था और साढे छः करोड सैनिक इसमे हिस्सा लिये थे। जिसमे लगभग ढेड करोड से भी अधिक सैनिक मारे जा चुके थे। वैसे प्रथम विश्व युद्ध मे अमेरिका शामिल नही हुआ था अमेरिका के उस वक्त के राष्ट्रपति थे बुर्डो बिलशन लेकिन बाद मे 1917 में अमेरिका भी इस युद्ध मे शामिल हो गया, क्योकि जर्मनी के द्वारा इंग्लैण्ड के लुसीतानिया नामक जहाज का डुबो दिया गया। और इस जहाज मे कुल 1153 लोग बैठे थे। जिनकी मृत्यु हो गयी, जिसमे से 128 व्यक्ति अमेरिका के थे, और इसी के बाद अमेरिका भी इस युद्ध मे शामिल हो गया था।
प्रथम विश्व युद्ध का परिणाम क्या हुआ इस युद्ध में कई देश बिखर गये जैसे जर्मनी, आॅस्ट्रिया, हंगरी, कुश्मानिया ये सब देश बिखर गये थे, इनकी बहुत बुरी हार हुई थी । प्रथम विश्व युद्ध के बाद जर्मनी मे पुरूषो की संख्या इतनी कम हो गयी थी कि हर तीन औरतो मे से एक को ही पति मिल पाता था। प्रथम विश्व युद्ध 11 नवम्बर 1918 को समाप्त हुआ था। कुल मिला के प्रथम विश्व युद्ध में जो सैन्ट्रल पावर था उसकी बुरी तरह हार हुई थी। सैन्ट्रल पावर मे बुरी तरह से प्रमुख जो देश था वो था जर्मनी और इसमे सबसे ज्यादा नुकसान भी जो हुआ था वो जर्मनी का ही हुआ था प्रथम विश्व युद्ध मे एक ब्रिटिश सैनिक ने घायल जर्मन सैनिक कि जान भी बचाई थी उस घायल सैनिक का नाम था एडोल्फ हिटलर जो की बाद मे जर्मनी का शासन बना और बाद में दुसरे विश्व युद्ध का जन्म दाता भी बना ।
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